विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप इतिहास की टीम ने टेस्ट क्रिकेट के मैदान पर वो करिश्मा किया है जिसे सालों तक याद रखा जाएगा। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के आगमन ने पारंपरिक टेस्ट क्रिकेट को नई जान दी है और हर देश को ट्रॉफी जीतने का बराबर मौका मिला है। इस प्रतियोगिता में कई टीमों ने बेहतरीन क्रिकेट खेला, लेकिन कुछ टीमों ने अपने निरंतर प्रदर्शन से खुद को सबसे ऊपर साबित किया। विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप इतिहास की टीम में वे टीमें शामिल हैं जिन्होंने न सिर्फ ज्यादा मुकाबले जीते बल्कि मुश्किल हालात में भी खेल का स्तर ऊंचा रखा। भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड जैसी टीमों ने हर सीजन में कुछ न कुछ नया दिखाया है। इन टीमों ने रणनीति, संयम और धैर्य के साथ टेस्ट क्रिकेट की गरिमा को बनाए रखा है और खुद को एक चैम्पियन टीम के रूप में साबित किया है।
5. पाकिस्तान – अनिश्चितता में ताकत

जब भी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप इतिहास की टीम की बात होती है, पाकिस्तान को अनदेखा नहीं किया जा सकता। पाकिस्तान ने कई मैचों में शानदार वापसी की है और अपने घरेलू और विदेशी पिचों पर दमदार प्रदर्शन दिखाया है। बाबर आज़म जैसे कप्तान और अब्दुल्ला शफीक जैसे युवा बल्लेबाज़ों के योगदान से यह टीम चुपचाप लेकिन मजबूत तरीक़े से ऊपर आई है। विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप इतिहास की टीम में पाकिस्तान ने कई यादगार मैच दिए, जैसे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कराची में मैच बचाना। हालांकि इनका जीत प्रतिशत औसत रहा, लेकिन संघर्ष और जज़्बा हमेशा साफ दिखा है।
टीम | मैच खेले | जीते/हारे/ड्रॉ | जीत प्रतिशत |
पाकिस्तान | 20 | 9/6/5 | 45% |
4. इंग्लैंड – आक्रामक अंदाज़ और बदलाव की लहर

इंग्लैंड ने WTC के दौरान सबसे अधिक मैच खेले हैं और विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप इतिहास की टीम में इनका नाम बड़े गर्व से लिया जाता है। हाल के वर्षों में इंग्लैंड ने ‘बज़बॉल’ शैली अपनाकर टेस्ट क्रिकेट को एक नया रूप दिया है। बेन स्टोक्स की कप्तानी और ब्रेंडन मैकुलम की आक्रामक सोच ने टीम को नई दिशा दी है। इंग्लैंड ने भारत, पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेहतरीन पारियां खेलीं। विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप इतिहास की टीम में इंग्लैंड का योगदान सबसे विविध और रोचक रहा है – पारंपरिक शैली को चुनौती देते हुए उन्होंने क्रिकेट को मनोरंजन से भर दिया।
टीम | मैच खेले | जीते/हारे/ड्रॉ | जीत प्रतिशत |
इंग्लैंड | 30 | 14/11/5 | 46.6% |
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3. दक्षिण अफ्रीका – गेंदबाज़ी की ताकत

विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप इतिहास की टीम की जब बात होती है, तो दक्षिण अफ्रीका की घातक गेंदबाज़ी को नहीं भुलाया जा सकता। कगिसो रबाडा और नॉर्खिया जैसे तेज़ गेंदबाज़ों ने विरोधी टीमों को परेशान किया है। हालांकि टीम की बल्लेबाज़ी में उतार-चढ़ाव रहा है, फिर भी वे लगातार मैच जीतने में कामयाब रहे। दक्षिण अफ्रीका ने घरेलू पिचों पर तो शानदार खेला ही है, साथ ही विदेशों में भी जीत के झंडे गाड़े हैं। विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप इतिहास की टीम में इनकी स्थिति स्थिर नहीं रही लेकिन जब भी जीत मिली, वह प्रभावशाली रही।
टीम | मैच खेले | जीते/हारे/ड्रॉ | जीत प्रतिशत |
दक्षिण अफ्रीका | 21 | 11/9/1 | 52% |
2. भारत – निरंतरता और अनुभव

भारत ने WTC में सबसे ज्यादा बार फाइनल खेला है, जिससे यह साफ है कि विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप इतिहास की टीम में भारत की भूमिका अहम रही है। विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे अनुभवी कप्तानों के साथ-साथ जसप्रीत बुमराह और रविचंद्रन अश्विन जैसे गेंदबाज़ों ने टीम को मज़बूती दी है। भारत ने अपने घरेलू मैदान पर विपक्षियों को खूब परेशान किया और विदेशों में भी संघर्ष करते हुए जीत दर्ज की। विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप इतिहास की टीम में भारत की स्थिरता, गहराई और जुनून उन्हें शीर्ष टीमों में शामिल करता है। उनका लक्ष्य अब ट्रॉफी जीतना है।
टीम | मैच खेले | जीते/हारे/ड्रॉ | जीत प्रतिशत |
भारत | 28 | 16/9/3 | 57% |
1. न्यूज़ीलैंड – शांति से बनी चैंपियन

न्यूज़ीलैंड वो टीम है जिसने चुपचाप इतिहास रच दिया। विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप इतिहास की टीम में सबसे ज़्यादा प्रभाव छोड़ने वाली टीम यही रही है। केन विलियमसन की कप्तानी में टीम ने 2021 में पहला WTC फाइनल जीता और भारत जैसी मज़बूत टीम को हराकर इतिहास रच दिया। टिम साउदी, ट्रेंट बोल्ट, और काइल जैमीसन जैसे गेंदबाज़ों ने टेस्ट में कहर बरपाया, जबकि केन, टॉम लाथम और डेवॉन कॉनवे जैसे बल्लेबाज़ों ने टीम को मज़बूती दी।विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप इतिहास की टीम में न्यूज़ीलैंड की स्थिरता, एकता और सादगी ने सबको प्रेरित किया।
टीम | मैच खेले | जीते/हारे/ड्रॉ | जीत प्रतिशत |
न्यूजीलैंड | 21 | 12/4/5 | 66% |